बुधवार, 1 जून 2016

अजमा कर देखो

योग करना हमें उतना ही जरूरी है जितना इस शरीर के लिए शुद्ध आहार
बिना योगासन के ये शरीर रोगों का घर बन जाता है ।
और फिर भाग दौड़ भरे इस जीवन में हम अंग्रेजी दवा लेते हैं । वो आग में घी का काम करती है एसी दर्द नाशक दवा देते हैं हमें कुछ दिन महसुस ही नहीं होता दर्द कहां हो रहा था जब हम सब इस बात को जानते हैं कि अंग्रेजी दवाई से कोई आज तक ठीक हुआ ही नहीं ये दवाईयां जहां भरपूर मात्रा में सेवन की जा रही हैं वहां मरने वालों की दर ज्यादा है जहां दवा कम मात्रा में लोग खरीद पाते हैं वहां मरने वालों की संख्या कम है ।
फिर क्यों नहीं हम योग और आयुर्वेद के सहयोग से शुद्ध आहार से अपने जीवन को स्वस्थ बनाएं ।
आलस्य मनुष्य का सबसे बड़ा दुश्मन है । अपने जीवन को स्वस्थ सुंदर बनाने के लिए आपको कहीं भटकने की कहीं लूटाने की कहीं कटाने की आवश्यकता नहीं है । मात्र एक संकल्प करना है सुर्योद्य से 2 घंटा पूर्व उठना है उठकर गुनगुना पानी पीना है पेट खलास हो जाने के बाद धरती पर दरी बिछाकर बैठ जाओ और धिरे धिरे कपाल भाति अनुलोम विलोम प्रणायाम का अभ्यास करना है समय आप का सहयोगी बन जाएगा अजमाकर देखो ।
ये जो आप योगाभ्यास देख रहे हैं माता जी मंदिर परिसर आडसर जिला बीकानेर में नियमित चलता है
योग प्रचारक सुरेन्द्र स्वामी

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