कुछ करना है तो डटकर चल दुनियां से थोड़ा हटकर चल ।
लीक पर तो सभी चल लेते हैँ थोड़ा इतिहास को पलटकर चल ।
बिना काम के मुकाम कैसा बिना मेहनत के दाम कैसा
जब तक ना हासिल हो मंजिल तब तक राह में राही आराम कैसा ।
अर्जुन सा निशाना रख मन में ना कोई बहाना रख
लक्ष्य सामने है तेरे बस उसी पे अपना ठिकाना रख
सोच मत साकार कर अपने कर्मों से प्यार कर
मिलेगा तेरी मेहनत का फल ना किसी और का इंतजार कर ।
जो चले थे अकेले उनके पिछे आज मेले हैं
और जो करते रहे इंतजार किसी का उनके जीवन में अनेक झमेले हैं ।
मन में हो विश्वास, गुरु में हो आस्था , ! लक्ष्य चाहे कितना ही कठिन हो मिल जाता है रास्ता !!
मंगलवार, 31 मई 2016
डटकर चल
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