सोमवार, 30 मई 2016

धुम्रपान निषेध दिवस

आज विश्व धुम्रपान निषेध दिवस है ।
बिड़ी जर्दा पुड़ीया सीगरेट पर पहले 40 % कैंसर की छाप होती थी । अब भारत सरकार ने 85% का नियम बना दिया है । इसके बावजूद जनता में इन दुर्व्यसनों के खिलाफ जागृती क्यों नहीं आ रही है । इसका मूल कारण है कुछ समाज के ठेकेदारों ने इसे प्रतिष्ठा का प्रश्न बना रखा है । जहां विवाह दशोठण फैक्सन पार्टी काण मौकाण जागण होते  हैँ वहां और कोई व्यवस्था हो या न हो बिड़ी सिगरेट पुड़ीया जर्दा की थाली या ट्रे पुरी भरी हुई होनी चाहिए और आगन्तुक के आगे सबसे पहले मिठी मनुहार उस थाली से ही की जाती है ।  आम आदमी इसका विरोध नहीं कर सकता क्योंकि बड़े लोगों ने ये सामाजिक परम्परा बना रखी है । और धुम्रपान छोड़ने की बजाय नये नित नये नौसिखिये इस दल दल में फंसते जा रहे हैं । किसी बड़े समझदार से जो खुद बीड़ी सिगरेट पीता हो उससे इस बारे में बात करके देखो बड़ा ही सटीक जबाब देता है दुध तो भगवान कुत्ता बना देगा तो भी पी लेगें बिड़ी कैसे पीयेंगे । ॐ

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें