योग ऋषि स्वामी रामदेव जी महाराज का धरती सा धर्य अग्नी सा तेज जल सी निर्मलता वायु सा वेग और आकाश सी विराटता किताबों में पढी और टिवी के परदे पर देखी सुनी थी ।
आज साक्षात् सामने देखकर लगता है हकिकत बड़ी महान् है ।
हकिकत में इन्हे अपने लिए कुछ नहीं चाहिए देश के सुंदर भविष्य के लिए पुर्ण पुरूषार्थ से सब कुछ कर रहे हैं ।
एसे महान् राष्ट्र भक्त को कोटि कोटि प्रणाम करता हूं ।
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