मंगलवार, 25 अक्टूबर 2016

मेरे गांव की योग कक्षा (My village, yoga class)

मेरे गांव की महिमा अपार है । सुबह सुबह की ब्रम्ह वेला में उठकर योगाभ्यास करते योगी जन, मंदिर दर्शन , सैर घुमाई, ताल में खेलते बच्चे, कार्तिक स्नान करके मंदिरों में कथाएं सुनती मां बहन बेटियां , मंदिर परिसर में हथाई करते बुजर्ग , गांव में दस स्थानों पर भगवान के भजन आरती करती लाउडस्पिकरों की धार्मिक ध्वनि, गांव के चौराहों पर गायों और कुत्तो को रोटी देते पुण्यार्थी भाई बहन , आपस में सब रोज सवेरे राम राम करते हुए सबके भले की सबके स्वास्थ्य की कामना करते हुए नित्य अपने अपने शुद्ध सात्विक कार्य की और बढते चले जाते हैं । बड़ा ही आन्नद बड़े ही शकुन से सब हिलमिल कर रहते हैं मेरे गांव के ग्रामवासी , भगवान से नित उठ प्राथना करता हूं मेरे गांव को किसी आसुरी शक्ति की बूरी नजर ना लगे ।

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